बर्तानिया सरकार के विरोध का एकमेव कारण राष्ट्रवाद नहीं था।
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बर्तानिया सरकार के विरोध का एकमेव कारण राष्ट्रवाद नहीं था।
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इस दरबार का मुख्य बिन्दु था-ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिकांश सत्ता परिवर्तन बर्तानिया सरकार को होना था।
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इस दरबार का मुख्य बिन्दु था-ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिकांश सत्ता परिवर्तन बर्तानिया सरकार को होना था।
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वो खुलेआम स्वीकार भी करतीं थीं कि बर्तानिया सरकार ने ही उन्हें हिंसक रुख अपनाने को विवश किया था....
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मैडम कामा ने बर्तानिया सरकार के हिंसक हथकंडों का इस्तेमाल करने पर बहुत कड़ी आलोचना की थी और ब्रिटिश सरकार को जवाब उन्हीं की भाषा में देने पर विश्वास करने लगीं थी..
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अधिकांश भारतीयों और भारतीय राजनीतिक नेताओं ने प्रथम विश्व युद्ध और उन भारतीय सैनकों को जो बर्तानिया सरकार की तरफ से जर्मनी, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य और तुर्क साम्राज्य के खिलाफ लड़ रहे थे को लेकर अपने अपने मत थे | उन्होंने इस युद्ध में लड़ रहे भारतीय सैनिकों को अपनी प्रतिक्रिया में विभाजित किया गया था | उत्तरार्द्ध की भागीदारी भारत के मुसलमानों को सताने की मंशा से की गई थी, जिसमें इस्लाम के खलीफा के रूप में सुल्तान सरगना थे |